Call Now : 9302101186, 9300441615 | MAP
     
Arya Samaj Indore - 9302101186. Arya Samaj Annapurna Indore |  धोखाधड़ी से बचें। Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage Booking और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज मन्दिर बैंक कालोनी अन्नपूर्णा इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित इन्दौर में एकमात्र मन्दिर है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज मन्दिर बैंक कालोनी के अतिरिक्त इन्दौर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Mandir Bank Colony Annapurna Indore is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Mandir Annapurna Indore is the only Mandir controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Indore. We do not have any other branch or Centre in Indore. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
arya samaj marriage india legal
all india arya samaj marriage place

हम कौन थे, क्या हो गए और क्या होंगे अभी....

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने "भारत-भारती' में मर्मान्तक वेदना का अनुभव करते हुए लिखा है-

हम कौन  थे, क्या हो गए, और क्या होंगे अभी ।

आओ विचारें आज मिलकर, ये समस्याएँ सभी।।

हम कौन थे? हमारा अतीत गौरवशाली और समृद्ध था। हम चरित्र के धनी थे। और "था कुबेर का भंडार यहॉं, हीरों की होती खेती थी'। यदि इस सत्यता को भारतीय इतिहासकारों के संदर्भ से कहा जाये, तो आत्मप्रशंसा, अतिशयोक्ति कहकर अस्वीकार किया जा सकता है। परन्तु यदि यही बात विदेशी यात्रियों के यात्रा वर्णन में अंकित हो तो शतशः स्वीकार कर ली जाती है। चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में अनेक विदेशी यात्रियों का आगमन होता रहता था। इनमें से एक थे चीनी यात्री फाह्‌यान, जिन्होंने अपने यात्रा वृतान्त में लिखा था- "सम्राट्‌ चन्द्रगुप्त मौर्य का शासनकाल भारतीय इतिहास का स्वर्णकाल है। यहॉं के नागरिक उच्च चरित्र के धनी हैं। यहॉं तक कि कोई किसी की चोरी नहीं करता। लोग बाहर जाते समय घरों में ताले नहीं लगाते। यदि कोई स्त्री बेहोशी की अवस्था में चौराहे पर गिर पड़े तो हवा की भी मजाल नहीं है कि उसके वस्त्र हटा सके। सशक्त शासन में देश पूर्णतः सुरक्षित है।''

इसी प्रकार एक दूसरे उदाहरण के अनुसार अतीत में भारत समृद्धि के शिखर पर था। यहॉं तक कि भारत को "सोने की चिड़िया" कहा जाता था। यूरोप के व्यापारी जमीन के रास्ते से यहॉं व्यापार करने के लिए आते थे। धन-दौलत एकत्र कर जब वापिस यूरोप की ओर प्रस्थान करते थे, तब मध्य में पड़ने वाले देशों के लुटेरे इन्हें लूट लिया करते थे। व्यापारी त्रस्त हो गए थे। परन्तु भारत से व्यापार का आकर्षण इतना अधिक था कि उन्होंने भारत आने के लिए समुद्री मार्ग खोज निकाला। इन बातों से हमारी समृद्धि का पता चलता है।

क्या हो गए? सम्पन्नता ने भारतीयों को आरामतलब, बेफिकर और इस सीमा तक स्वार्थी बना दिया कि हम अपनी मातृसंस्कृति और मातृभूमि के प्रति अपने उत्तरदायित्व को ही भूल गए। परिणामतः विदेशी दासता की बर्बरता को भुगतना पड़ा। पतन  की कहानी लिखी जाने लगी। संघर्ष की भावना और शक्ति समाप्त हो गई। देशभक्त वीरों की उपेक्षा की जाने लगी। बिना संघर्ष कुछ पाने की लालसा ने हमें इतना निकम्मा बना दिया कि हम संस्कृति और देशहित की परवाह न कर देश का विभाजन स्वीकार कर बैठे। समझौता हमारे चरित्र का अंग बन गया। सहनशीलता, उदारता, भाईचारा, हृदयपरिवर्तन आदि ने वर्तमान को उस चौराहे पर पहुँचा दिया है, जहॉं मौत घात लगाए बैठी है। बढ़ते स्वार्थ ने भारत को भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, मिलावट, गद्दारी के गहरे गर्त में डुबा दिया है।

और क्या होंगे अभी? जो देश अपने इतिहास से सबक नहीं सीखता, उसका पतन निश्चित ही होता है। पतन की कहानी का अन्त गुलामी में होता है। भाषा और संस्कृति का सर्वनाश हो जाता है। वर्तमान में चल रहे संघर्षों से यही तो संकेत मिलते हैं। ""सम्पूर्ण भारत एक राष्ट्र है, सबका हित समान है, कलियुग में संघ ही शक्ति है'" इन सिद्धान्तों को पूर्णतः भुला दिया गया है। आज सारा भारत क्षेत्रीयता, भाषाई विवाद, पार्टीबाजी, वोटों के लिए किए जा रहे षड्‌यंत्र, साम्प्रदायिकता, जातीय विवादों के न मिटने वाले संघर्षों में उलझा हुआ है। जिस तरह बिल्ली चूहों के लिए छिपकर घात लगाए बैठी रहती है और मौका पाते ही झपटकर उन्हें खा जाती है, उसी तरह धर्म परिवर्तन के लिए बैठी शक्तियॉं भी घात लगाए अपना उद्देश्य पूरा कर रही हैं। एक दूसरी शक्ति  बम के माध्यम से देश को आतंकित कर देश को हड़प जाना चाहती है। सत्ताधीश राष्ट्र की सत्तासंचालन में असमर्थ एवं असफल साबित हो रहे हैं। वे तो अपनी समझौतावादी और तुष्टिकरण की आत्मघाती नीति पर चल रहे हैं, उन्हें राष्ट्रहित दिखाई नहीं दे रहा है।

 इन स्थितियों को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि भारत के गौरवशाली इतिहास का अन्त निकट है। ऐसी दशा में मातृभूमि के एक सपूत का कथन है- "जब तक भगवान सूर्य का प्रकाश शेष है, तब तक राष्ट्रद्रोही शक्तियों को समूल नष्ट करने के लिए जुट जाएं। फिर चाहे वे अपने भाई कौरव ही क्यों न हों अथवा ऋषि संतान रावण ही क्यों न हो।" जगदीश दुर्गेश जोशी

दिव्ययुग दिसम्बर 2008 (Divyayug 2008)

 

जीवन जीने की सही कला जानने एवं वैचारिक क्रान्ति और आध्यात्मिक उत्थान के लिए
वेद मर्मज्ञ आचार्य डॉ. संजय देव के ओजस्वी प्रवचन सुनकर लाभान्वित हों।
समाज में विषमता का कारण
Ved Katha Pravachan - 53 (Explanation of Vedas) वेद कथा - प्रवचन एवं व्याख्यान Ved Gyan Katha Divya Pravachan & Vedas explained (Introduction to the Vedas, Explanation of Vedas & Vaidik Mantras in Hindi) by Acharya Dr. Sanjay Dev

 

Hindu Vishwa | Divya Manav Mission | Vedas | Hinduism | Hindutva | Ved | Vedas in Hindi | Vaidik Hindu Dharma | Ved Puran | Veda Upanishads | Acharya Dr Sanjay Dev | Divya Yug | Divyayug | Rigveda | Yajurveda | Samveda | Atharvaveda | Vedic Culture | Sanatan Dharma | Indore MP India | Indore Madhya Pradesh | Explanation of  Vedas | Vedas explain in Hindi | Ved Mandir | Gayatri  Mantra | Mantras | Pravachan | Satsang  | Arya Rishi Maharshi | Gurukul | Vedic Management System | Hindu Matrimony | Ved Gyan DVD | Hindu Religious Books | Hindi Magazine | Vishwa Hindu | Hindi vishwa | वेद | दिव्य मानव मिशन | दिव्ययुग | दिव्य युग | वैदिक धर्म | दर्शन | संस्कृति | मंदिर इंदौर मध्य प्रदेश | आचार्य डॉ. संजय देव

pandit requirement
Copyright © 2022. All Rights Reserved